JAC ने बदला परीक्षा पैटर्न: अब 8वीं, 9वीं और 11वीं की परीक्षा दो टर्म में, ऑब्जेक्टिव व सब्जेक्टिव अलग-अलग

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JAC का बड़ा प्रस्ताव: अब 8वीं, 9वीं और 11वीं की परीक्षा दो टर्म में, दोनों टर्म का पैटर्न अलग होगा

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) स्कूल परीक्षाओं में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। अब 8वीं, 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं दो टर्म में आयोजित की जाएंगी, जिसमें दोनों टर्म का पैटर्न अलग होगा। पढ़ाई को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है।

क्या है नया प्रस्ताव?

JAC की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि कक्षा 8, 9 और 11 की परीक्षा अब एक की बजाय दो चरणों में होगी:

टर्म-1 परीक्षा

  • जनवरी महीने में होगी।

  • इसमें ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे।

  • परीक्षा 40 अंक की होगी।

टर्म-2 परीक्षा

  • आठवीं और नौवीं की परीक्षा मार्च में तथा 11वीं की परीक्षा अप्रैल में होगी।

  • इसमें सब्जेक्टिव (लिखित) प्रश्न पूछे जाएंगे।

  • यह भी 40 अंकों की होगी।

दोनों परीक्षाओं के अंक मिलाकर अंतिम परिणाम जारी किया जाएगा।

दोनों टर्म के पैटर्न में बड़ा अंतर

  • टर्म-1: केवल Objective Questions (MCQ)

  • टर्म-2: केवल Subjective Questions

  • दोनों परीक्षाएं अलग-अलग फॉर्मेट और उत्तर पुस्तिका पर होंगी।

  • दोनों के लिए अलग-अलग OMR और Answer Sheet का उपयोग किया जाएगा।

क्यों हो रहा है बदलाव?

  • पढ़ाई को चरणबद्ध और आसान बनाना।

  • छात्रों का दबाव कम करना।

  • पारदर्शी मूल्यांकन सुनिश्चित करना।

  • लगभग 13 लाख छात्रों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

पहले परीक्षा पैटर्न कैसा था?

  • पहले परीक्षा एक ही टर्म में होती थी।

  • सभी विषय एक साथ शामिल होते थे।

  • 8वीं और 9वीं में विज्ञान का अलग प्रश्नपत्र नहीं होता था।

  • 11वीं में ग्रुप सिस्टम का पालन नहीं किया जाता था।

  • मूल्यांकन भी एक ही बार में होता था।

अब नए पैटर्न के साथ छात्रों को तैयारी का पर्याप्त समय और दो मौके मिलेंगे।

छात्रों की संख्या (औसत)

  • कक्षा 8वीं: 4.99 लाख

  • कक्षा 9वीं: 4.70 लाख

  • कक्षा 11वीं: 3.47 लाख

विभाग और JAC की अलग राय

शिक्षा विभाग ने विधायिका स्तर पर परीक्षा लेने का प्रस्ताव दिया है, जबकि JAC ने इस पर आपत्ति जताई है। JAC का कहना है कि स्कूल स्तर की परीक्षाएं स्कूलों द्वारा ही कराई जानी चाहिए।

इस पर अंतिम निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा जल्द लिया जाएगा।

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निष्कर्ष

नए पैटर्न से छात्रों पर एक बार में परीक्षा का दबाव कम होगा और सीखने की प्रक्रिया बेहतर बनेगी। पाठ्यक्रम की चरणबद्ध तैयारी से छात्रों की परफॉर्मेंस में सुधार होने की उम्मीद है।