Baahubali The Epic: क्या यह वर्ज़न थिएटर में फिर इतिहास रचेगा?
जब एसएस राजामौली यह घोषणा की, कि वह अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली के दोनों हिस्सों को मिलाकर एक ही फिल्म के रूप में रिलीज़ कर रहे हैं, तो दर्शक सोच में पड़ गए कि ये क्या प्रयोग करने जा रहे है? फिल्म को एक नया नाम – Baahubali The Epic – के साथ भी रिलीज़ किया गया, बाहुबली अपनी भव्यता और वैभव के लिए पहेल ही प्रसिद्ध थी। ऐसे में जो बाहुबली की दोनों फ़िल्में सिनेमाघरों में नहीं देख पाए थे, उनके लिए तो यह बेहद ख़ुशी की बात है आखिरकार अब बड़े पर्दे पर दोनों फिल्मों को एक साथ देख पाएँगे। चूँकि आप में से ज़्यादातर लोग यह फ़िल्म देख चुके हैं, तो सवाल यह है: क्या प्रभास अभिनीत यह फ़िल्म फिर से देखने लायक है? क्या इसमें कुछ बदलाव या दृश्य जोड़े गए हैं? आइए जानते हैं क्या नया है इस Baahubali The Epic ,री-मास्टर वर्ज़न में।
Baahubali: The Beginning की पूरी कहानी
बाहुबली: द बिगिनिंग की शुरुआत होती है एक रहस्य से—
एक घायल महिला बच्चे को गोद में लेकर खतरनाक नदी और जंगल पार करते हुए भाग रही है। यह महिला है शिवगामी, महिष्मती साम्राज्य की राजमाता।
वह दुश्मनों से बचते हुए बच्चे को बचाती हैं, लेकिन खुद डूबने लगती हैं। डूबते-डूबते वह बच्चे को भगवान के हवाले कर देती हैं और आखिरी सांस लेते हुए हाथ आसमान की ओर उठा देती हैं। वहीं पास के एक गाँव के लोग बच्चे को बचा लेते हैं और उसका नाम रखते हैं— शिवुडू (Shivudu)।
बचपन और रहस्यमय आकर्षण
शिवुडू गाँव में बड़ा होता है। वह बाकी लड़कों जैसा नहीं—बहुत ताकतवर, जिज्ञासु और साहसी।
हर बार वह एक ही काम करता है—झरने के ऊपर जाने की जिद।
उस झरने के ऊपर क्या है, यह उसे किसी भी कीमत पर जानना था।
और एक दिन वह चढ़ ही जाता है।
अवंतिका से मुलाकात
झरने के ऊपर एक घना जंगल और एक योद्धा-स्त्री मिलती है—अवंतिका, जो महिष्मती की कैद में बंद राजकुमारी देवसेना को छुड़ाने के मिशन पर है।
शिवुडू को उससे प्यार हो जाता है, और वह अपनी असाधारण ताकत के कारण खुद उस मिशन को पूरी तरह निभाना चाहता है।
देवसेना की मुक्ति
शिवुडू अकेले महिष्मती के किले में घुस जाता है।
वह सैनिकों को हरा देता है और देवसेना को बाहर ले आता है।
लेकिन यहीं पहली बार लोगों की नजर उसकी पीठ पर बनते महिष्मती के राज-चिह्न पर पड़ती है।
लोग उसे देखकर हैरान हो जाते हैं—
क्योंकि वह बिल्कुल अमरेंद्र बाहुबली जैसा दिखता है!
बाहुबली की पहचान
महिष्मती का सबसे बलशाली और बर्बर शासक भल्लालदेव, शिवुडू को दुश्मन समझकर हमला करता है।
लेकिन तभी आता है कटप्पा, साम्राज्य का सबसे वफादार योद्धा।
कटप्पा शिवुडू को देखता है और चौंक जाता है।
वह उसके सामने हथियार डालकर घुटनों पर बैठ जाता है और कहता है—
“बाहुबली!”
यहीं क्लाइमेक्स में पता चलता है कि शिवुडू असल में अमरेंद्र बाहुबली का बेटा है — महेंद्र बाहुबली।
अब असली कहानी शुरू
कटप्पा शिवुडू को उसके पिता की कहानी बताना शुरू करता है:
- अमरेंद्र और भल्लालदेव एक साथ पले-बढ़े
- दोनों राजगद्दी के उत्तराधिकारी थे
- अमरेंद्र दयालु, न्यायप्रिय और जनता का राजा था
- भल्लालदेव लालची और सत्ता-पिपासु
यही से फिल्म के अंतिम भाग में बड़ा प्रश्न बनता है:
कटप्पा ने अमरेंद्र बाहुबली को क्यों मारा?
और इसी रहस्य के साथ फिल्म खत्म होती है और दर्शक अगले भाग का इंतजार करते हैं।
Baahubali: The Conclusion – पूरी कहानी
फिल्म की शुरुआत वहीं से होती है, जहाँ पहली फिल्म खत्म हुई थी—
लोग परेशान हैं और हर किसी के मन में सिर्फ एक सवाल:
“कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?”
अमरेंद्र बाहुबली की ताजपोशी का फैसला
कटप्पा कहानी बताते हैं—
- अमरेंद्र और भल्लालदेव दोनों राजा बनने के योग्य थे।
- शिवगामी ने न्याय, साहस और लोगों के प्यार के कारण अमरेंद्र बाहुबली को राजा घोषित कर दिया।
यह खबर सुनकर जनता खुश हो जाती है,
लेकिन भल्लालदेव के दिल में नफरत और बदला भर जाता है।
देवसेना से मुलाकात और प्रेम
अमरेंद्र को महिष्मती की सीमाओं से बाहर जाकर लोगों की मदद करने का आदेश मिलता है।
वहीं उसकी मुलाकात होती है—
देवसेना, कुन्तला राज्य की राजकुमारी से।
दोनों के बीच प्रेम हो जाता है।
लेकिन इसी समय शिवगामी देवसेना के लिए शादी का प्रस्ताव भेजती है—
भल्लालदेव के लिए!
देवसेना प्रस्ताव अस्वीकार कर देती है।
जब अमरेंद्र सच्चाई बताता है कि वह उसी से प्रेम करता है,
शिवगामी नाराज़ हो जाती है।
भल्लालदेव अपनी चाल चलता है, और स्थिति ऐसी बना देता है कि
शिवगामी को लगता है अमरेंद्र ने उनका अपमान किया है।
शिवगामी गुस्से में फैसला सुनाती हैं:
अमरेंद्र अब राजा नहीं
भल्लालदेव नया राजा
अमरेंद्र सिर्फ सेनापति रहेगा
यह अमरेंद्र के लिए दर्दनाक, लेकिन वह माँ की आज्ञा मानता है।
भल्लालदेव की साजिश
भल्लालदेव और उसके पिता बिज्जलदेव की राजनीति बढ़ती जाती है।
वे देवसेना को बेइज्जत करते हैं, जंजीरों में रखते हैं,
और अमरेंद्र से जनता को अलग करने की कोशिश करते हैं।
लेकिन लोग अमरेंद्र को ही सच्चा राजा मानते हैं।
यही बात भल्लालदेव को और क्रूर बना देती है।
शिवगामी को धोखा
बिज्जलदेव भल्लालदेव का डर इतना दिखाते हैं कि
शिवगामी को लगता है—
अमरेंद्र ही राजसिंहासन के लिए खतरा है।
और शिवगामी आख़िरी आदेश देती हैं—
“कटप्पा, तुम अमरेंद्र को मार दो।”
कटप्पा वचनबद्ध है—
शाही आदेश को टाल नहीं सकता।
उसका दिल टूटता है, लेकिन वह जंगल में
अमरेंद्र की पीठ पीछे छुरा घोंप देता है।
अमरेंद्र ज़मीन पर गिर जाते हैं।
उनकी आखिरी इच्छा होती है—
देवसेना और उसके बेटे की रक्षा करना।
कटप्पा रोते हुए घुटनों पर गिर जाता है।
शिवगामी को सच पता चलता है
जब शिवगामी को पता चलता है कि अमरेंद्र निर्दोष था,
वह टूट जाती है।
वह नवजात बच्चे को लेकर भागती है—
यह बच्चा है महेंद्र बाहुबली, शिवुडू।
भल्लालदेव और उसकी सेना उन्हें मारने आती है।
शिवगामी नदी में गिर जाती हैं और जान दे देती हैं।
इसी तरह बच्चा बहकर गाँव तक पहुँचता है।
महेंद्र बाहुबली की वापसी
अब कटप्पा सारी कहानी शिवुडू (महेंद्र बाहुबली) को बता देता है।
शिवुडू अपने पिता की मौत का बदला लेने की कसम खाता है।
वो सेना खड़ी करता है
देवसेना को आज़ाद कराता है
जनता फिर उसके साथ होती है
अंतिम युद्ध
महेंद्र और भल्लालदेव के बीच अंतिम लड़ाई होती है:
तीर, बाण, हाथ-से-हाथ की लड़ाई, सेना बनाम सेना की लड़ाई होती है और अंत में महेंद्र भल्लालदेव को हराकर
उसे जलते हुए चिता पर फेंक देता है।
राज्य को न्याय मिलता है
- देवसेना की बेड़ियाँ हटती हैं
- जनता जश्न मनाती है
- महेंद्र बाहुबली को राजा बनाया जाता है
और वह घोषणा करता है:
“महिष्मती में कोई अन्याय नहीं होगा!”
Baahubali The Epic: दो फिल्मों का एक महाकाव्य रूपांतरण
भारत की सबसे भव्य फिल्मों में से एक बाहुबली को पूरी दुनिया में जिस कद का सम्मान मिला, वह किसी भारतीय फिल्म के लिए इतिहास रचने जैसा था।
पहले आई Baahubali: The Beginning (2015) और फिर Baahubali: The Conclusion (2017)
अब 2025 में दोनों फिल्मों को एक नए रूप में जोड़कर रिलीज़ किया गया है —
नया नाम: “Baahubali The Epic”
रिलीज़: 31 अक्टूबर 2025
फ़ॉर्मेट: Re-edited, Re-mastered

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निष्कर्ष – Baahubali The Epic
“Baahubali The Epic” किसी साधारण री-एडिटेड वर्ज़न का नाम नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के सबसे महान महाकाव्य को एक नए रूप में पुनर्जन्म देने जैसा अनुभव है।
अमरेंद्र का त्याग, देवसेना की गरिमा, कटप्पा की वफादारी और महेंद्र का न्याय—
इन सबके साथ “Baahubali The Epic” साबित करता है कि
न्याय, सच्चाई और साहस हमेशा विजयी होते हैं।
अगर आप प्रभास के कट्टर प्रशंसक हैं और आपको लगता है कि आप उन्हें पिछले कुछ समय से बड़े पर्दे पर मिस कर रहे हैं, तो Baahubali The Epic आपके वीकेंड थिएटर्स में देखने लायक हो सकती है। हालाँकि, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास पर्याप्त समय हो क्योंकि यह सिनेमा 3 घंटे 44 मिनट की है।








