Class 5 Board Exam – झारखण्ड सरकार ने किया बडा ऐलान
झारखण्ड सरकार प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता और मजबूती बढ़ाने के लिए बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है, इसके तहत कक्षा 5 वीं के छात्रों को 8 वीं के छात्रों की तरह बोर्ड परीक्षा देनी होगी। मूल्यांकन और परीक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किये जायेंगे। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को विभागीय स्तर पर स्वीकृति मिल चुकी है, और इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
क्या है नया बदलाव?
पहले तक झारखण्ड में बोर्ड परीक्षाएँ केवल कक्षा 8, 9, 10, और 12 के लिए आयोजित होती थीं। लेकिन अब कक्षा 5 को भी इस सूची में शामिल कर लिया गया है। इसका मतलब है कि अब पाँचवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा राज्य स्तर पर ली जाएगी, और उनका परिणाम भी बोर्ड द्वारा घोषित किया जाएगा।
यह फैसला शिक्षा विभाग और झारखण्ड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा मिलकर लिया गया है। इससे छात्रों को आगे की कक्षाओं के लिए मजबूत आधार मिलेगा और शिक्षकों को भी बच्चों की वास्तविक सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करने में आसानी होगी।
Class 5 Board Exam में छात्रों को लाने होंगे 33 फीसदी अंक
कक्षा 5 वीं में भी 8 वीं के तरह छात्रों 33 फीसदी अंक लाने होंगे। अगर 33 फीसदी से कम अंक आये, तो वह अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किये जायेंगे। हालांकि उनके लिए विशेष परीक्षा का आयोजन किया जायेगा, और उन्हें पास करने का एक और अवसर मिलेगा।
संकुल स्तर पर होगी Class 5 Board Exam
अब Class 5 Board Exam संकुल स्तर पर होगी। एक संकुल में औसतन 15 विद्यालय होते हैं। ऐसे में कक्षा 5 वीं की वार्षिक परीक्षा छात्र के निकटतम स्कूल में होगी। कक्षा 8 वीं की वार्षिक परीक्षा भी संकुल स्तर पर होगी। कक्षा 9 वीं व 11 वीं की परीक्षा संकुल या प्रखंड स्तर पर ली जायेगी।
कक्षा 8 वीं की तरह होगी विशेष परीक्षा
CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर सह DPS की प्राचार्या डॉ जया चैहान ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5 वीं एवं 8 वीं की वार्षिक परीक्षा में कम अंक लानेवाले विद्यार्थियों को एक मौका दिया जाता है। 33 फीसदी से कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों के लिए दो माह का विशेष कक्षा संचालित होगी।
Class 5 Board Exam उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन निकटतम विद्यालय में होगी
पहले कक्षा 5 वीं परीक्षा विद्यालय स्तर पर होती थी और शत-प्रतिशत बच्चों को अगलह कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था, अब परीक्षा संकुल स्तर पर होगी, एवं उत्तर पुस्तिका मुल्यांकन भी अपने विद्यालय में नहीं होगी।
कक्षा 8 वीं, 9 वीं एवं 11 वीं बोर्ड परीक्षा पैटर्न में होगा बदलाव
पहले कक्षा 8 वीं, 9 वीं एवं 11 वीं बोर्ड परीक्षा झारखण्ड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा OMR SHEET पर ली जाती थी। अब परीक्षा जेसीइआरटी (JCERT) के द्वारा ली जायेगी एवं परीक्षा OMR SHEET पर नहीं होगी। सभी विषयों की परीक्षा अलग-अलग होगी, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न के साथ लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जायेंगे।
Jharkhand Academic Council, Ranchi की Official Website
Class 5 Board Exam क्यों जरूरी मानी गई?
झारखण्ड सरकार का मानना है कि कक्षा 5 तक बच्चों की बुनियादी शिक्षा और सीखने की क्षमता को मजबूत किया जाना बहुत आवश्यक है।
कई रिपोर्टों में पाया गया कि बच्चे प्राथमिक कक्षा में आगे बढ़ते तो हैं, लेकिन बुनियादी गणित और भाषा की समझ में कमी रहती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यह निर्णय लिया कि
बच्चों की सीखने की गुणवत्ता का मूल्यांकन बोर्ड स्तर पर किया जाए।
स्कूलों की शिक्षण पद्धति में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाई जाए।
छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए मजबूत नींव दी जाए।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
इस फैसले को लेकर छात्रों और अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं।
कई लोगों का मानना है कि इससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर गंभीरता बढ़ेगी।
वहीं कुछ अभिभावक यह भी मानते हैं कि कम उम्र में बोर्ड परीक्षा का दबाव बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सरकार का कहना है कि परीक्षा का स्वरूप सरल और समझने योग्य रखा जाएगा ताकि बच्चों पर अधिक दबाव न पड़े।
शिक्षा-नीति में बड़ा बदलाव

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 8 तक के बच्चों को फेल नहीं करने की नीति में बदलाव किया गया है, देश भर में इसके आधार पर मूल्यांकन प्रक्रिया में संशोधन किया जा रहा है। इसके तहत प्राथमिक कक्षा में 5 वीं व उच्च प्राथमिक कक्षा में 8 वीं में फेल नहीं करने की नीति में भी बदलाव किया जा रहा है।








